– 18 जनवरी को हर साल ब्रह्माकुमारीज के देश-विदेश के सेवाकेंद्रों पर विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई जाती है पुण्य तिथि, दिल्ली से 12 हजार से अधिक लोग पहुंचे शांतिवन, योग-तपस्या के माध्यम से शुभ संकल्पों का कर रहे दान
शिव आमंत्रण,18 जनवरी, आबूरोड (निप्र)। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के साकार संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा की 54वीं पुण्यतिथि 18 जनवरी को देश-विदेश विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई जाएगी। संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में ब्रह्मा बाबा को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए देशभर से 20 हजार से अधिक लोग शांतिवन पहुंच चुके हैं। इसके अलावा लोगों को आने का सिलसिला जारी है।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान में हर वर्ष जनवरी माह को अव्यक्त माह के रूप में मनाया जाता है। पूरे जनवरी माह में देश-विदेश के पांच हजार से अधिक सेवाकेंद्रों पर ब्रह्ममुहूर्त में 3.30 बजे से विशेष योग-तपस्या के कार्यक्रम किए जाते हैं। शांतिवन में भी 1 जनवरी से विशेष योग-तपस्या की जा रही है। इस दौरान भाई-बहनों योग के माध्यम से पूरे विश्व को शांति का दान करते हैं। 18 जनवरी 1969 को 93 वर्ष की आयु में पिताश्री ब्रह्मा बाबा संपूर्णता का स्थिति प्राप्त कर अव्यक्त हो गए थे। इस पूरे माह संस्थान से जुड़े भाई-बहनें उनके द्वारा जीवन में की गई योग-तपस्या, उनकी शिक्षाओं को याद करते हुए उन्हें जीवन में धारण करने के लिए विशेष पुरुषार्थ करते हैं।
20 हजार लोग पहुंचे, सिलसिला जारी-
शांतिवन संस्थान का मुख्यालय होने के चलते यहां बाबा की पुण्य तिथि मनाने के लिए देशभर से 20 हजार से अधिक लोग पहुंच चुके हैं। इसमें अकेले दिल्ली जोन से ही इस बार 12 हजार से अधिक भाई-बहनें पहुंचे हैं। इसके अलावा अभी भी लोगों के आने का सिलसिला जारी है। शांतिवन में 18 जनवरी को लेकर मेडिटेशन रूम को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया है। साथ ही सुबह से लेकर शाम तक वरिष्ठ राजयोगी भाई-बहनों की क्लासेस चल रही हैं।
शाम को होगा परमात्म मिलन कार्यक्रम
बुधवार को शाम 5 बजे से बीके सूर्य भाई की विशेष क्लास रहेगी। बाद में बाबा को भोग लगाकर परमात्म मिलन कार्यक्रम होगा। ठंड को देखते हुए शांतिवन में लोगों को ठहरने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गईं हैं।
केबीसी किड्स स्टार अरुणोदय ने सुनाया अपना अनुभव-
केबीसी से सुर्खियों में आए वाक पटुता के लिए प्रसिद्ध किड्स स्टार अरुणोदय ने सुबह मुरली क्लास के बाद अपना अनुभव सुनाया। अरुणोदय ने कहा कि यहां आकर मुझे अद्भुत शांति की अनुभूति हो रही है। यहां चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित है। यहां का मैनेजमेंट और सभी व्यवस्थाएं सराहनीय हैं। मेरा प्रयास है कि यहां से मैं ज्यादा से ज्यादा ज्ञान लेकर जाऊं और इसे अपने जीवन में धारण करुं। यहां आकर हमें खुद को बदलने और जीवन में नई लक्ष्यों को नई ऊर्जा के साथ प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। इस दौरान दिल्ली की बीके शुक्ला दीदी ने अरुणोदय और उनके माता-पिता का सम्मान भी किया।