- पीएचडी ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी, स्टूडेंट को पीएचडी में आने वाली समस्याओं, कार्यक्षेत्र के बारे में गहराई से बता रहे एक्सपर्ट
- डॉ. ईवी स्वामीनाथन ने जर्नी ऑफ रिसर्च के बारे में बताया
शिव आमंत्रण आबू रोड/राजस्थान। जीवन मतलब सदा सीखना। हमारे जीवन का उद्देश्य हो हर पल कुछ न कुछ नया सीखना। जीवन के अंत समय तक पढऩा और पढ़ाना है। रिसर्च से हमें जीवन में सीख मिलती है कि हम जो पढ़ रहे हैं उसका जीवन में प्रैक्टिकल और एक्सपीरिमेंट करके देखना। पीएचडी करने के बाद हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है।
उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शिक्षा प्रभाग द्वारा चलाए जा रहे यौगिक साइंस पीएचडी डिग्री ट्रेनिंग प्रोग्राम में डॉ. ईवी स्वामीनाथन भाई ने व्यक्त किए। मनमोहिनीवन कॉम्प्लेक्स में दूरस्थ शिक्षा प्रभाग द्वारा आठ दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम (ट्रेनिंग कोर्स प्रोग्राम फॉर पीएचडी) आयोजित किया जा रहा है। इसमें देशभर से 200 से अधिक पीएचडी स्टूडेंट भाग ले रहे हैं।
डॉ. स्वामीनाथन ने जर्नी ऑफ रिसर्च टॉपिक पर संबोधित करते हुए कहा कि पीएचडी रिसर्च स्टूडेंट को मंथली कॉन्टेक्ट नोट बनाना बहुत जरूरी है। इससे हम सभी दिशा में आगे बढ़ पाते हैं। साथ ही रिसर्च का टॉपिक फाइनल करने के बाद आपका जो रिसर्च एरिया है उसे आईडेंटिटी करना बहुत जरूरी है। जब तक हमारा रिसर्च का एरिया निर्धारित नहीं होगा तो हम उस दिशा में पूरे प्रयास नहीं कर पाएंगे। हमारे माइंड में कॉन्सेप्ट क्लीयर होना चाहिए कि हमें किस दिशा में अपनी रिसर्च के साथ आगे बढऩा है। इसके साथ ही लगातार रिसर्च से संबंधित साहित्य, पुस्तकें पढ़ते रहें। आप जिस टॉपिक पर रिसर्च करने जा रहे हैं उस पर अब तक कितने लोगों ने रिसर्च की है, उन्होंने किन बातों को अपनी रिसर्च में मिस किया है आदि की समीक्षा करें। साथ ही साथ रिसर्च गैप को आईडेंटिटी करें। फिर से डेक्लियर और डिजाइन कर एक्सपीरिमेंट करना होता है।
इनोवेशन है बहुत जरूरी-
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि रिसर्च का अहम हिस्सा होता है इनोवेशन। कंफर्ट जोन की आईडेंटिटी करके सर्वे करें। साथ ही अपनी रिसर्च में इनोवेशन पर फोकस करें। यदि आप राजयोग मेडिटेशन पर रिसर्च कर रहें हैं तो मॉडलिंग ऑफ राजयोगा लाइफ स्टाइल, एक्सपीरिमेंटल स्टडीज ऑन राजयोगा लाइफ स्टाइल, माइंड योर मैकेनिक आदि बातों को रिसर्च में शामिल करें। राजयोग कैसे बिहेवियर ट्रांसफॉर्मेशन में इंम्पोर्टेड टूल है इसे रिसर्च के माध्यम से प्रूफ करें। इस दौरान दूरस्थ शिक्षा निदेशक डॉ. पांड्यामणि भाई ने भी स्टूडेंट को गाइड किया।