– तीन दिवसीय बेसिक फायर फाइटिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ
– शांतिवन के गार्ड और बीके भाई-बहनें ले रहे हैं भाग
– सुरक्षा और आग लगने पर आपात स्थिति में प्राथमिक कदम उठाने की दी जा रही है ट्रेनिंग
शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के शांतिवन परिसर के टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर में तीन दिवसीय बेसिक फायर फाइटिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। इसमें पश्चिम बंगाल से आए फायर फाइटर ट्रेनर्स आग से बचने और तुरंत मौके पर उठाए जाने वाले जरूरी कदम आदि की ट्रेनिंग देंगे। ट्रेनिंग में शांतिवन के सभी सुरक्षाकर्मी और बीके भाई-बहनें भाग ले रहे हैं।
शुभारंभ पर मल्टीमीडिया निदेशक राजयोगी बीके करुणा भाई ने कहा कि फायर में सबसे पहले खुद की सेफ्टी जरूरी है। कभी भी आग लगने की स्थिति में सबसे पहले खुद की सेफ्टी सुनिश्चित करें। इसके बाद जो जरूरी कदम हों उसकी ओर कदम बढ़ाएं। ऐसी स्थिति में धैर्यता और शांत मन के साथ काम लेना होता है। कभी भी आग लगने पर घबराएं नहीं और शांत मन से समाधान की तलाश करें।
शांतिवन के सुरक्षा प्रमुख कर्नल बीसी सती भाई ने कहा कि आर्मी में हर सप्ताह फायर सेफ्टी की मॉक ड्रिल होती है। ब्रह्माकुमारीज़ में फायर सेफ्टी को लेकर अच्छी व्यवस्था है। यहां हर व्यक्ति जिम्मेदारी और पूरी सावधानी के साथ अपनी सेवा करता है। इससे आज तक किसी भी तरह की अनहोनी का सामना नहीं करना पड़ा है। सुरक्षा के हर पहलु पर बारीकी से नजर रखी जाती है। इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति को फायर सेफ्टी के बेसिक नियम, तकनीक के बारे में जानकारी बेहद जरूरी है।
आग लगने पर भगदड़ न मचाएं-
पश्चिम बंगाल से आए फायर एवं इमरजेंसी सर्विस के सीनियर इन्सट्रेक्टर समर रॉय ने कहा कि जब भी आग संबंधी दुर्घटना होती है तो ऐसी स्थिति में कभी भी चिल्लाएं-चीखें नहीं। न ही भगदड़ की स्थिति पैदा करें। ऐसे में चीखने-चिल्लाने पर समस्या के समाधान में और परेशानी का सामना करना पड़ता है। फायर फाइटिंग में सबसे जरूरी है फायर ऑपरेटर पलाश मित्र ने कहा कि यहां जो भी बातें बताएं जाएं उन्हें सदा याद रखें और आग लगने पर उनका पालन करें।
आग लगने पर इन नियमों का पालन करें-
– आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें। यह न सोचें कि कोई दूसरा इसकी सूचना पहले ही दे चुका होगा।
– आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें। फिर बहुत जोर से आग-आग चिल्लाकर लोगों को सचेत करें। चेतावनी कम शब्दों में ही दें, नहीं तो लोगों को घटना की गंभीरता समझने में ज्यादा समय लग जायेगा।
– आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, केवल सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।
– धुएं से घिरे होने पर अपने नाक और मुंह को गीले कपडे़ से ढंक लें।
– अगर आप धुएं से भरे कमरे में फंस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो तो दरवाजे को बंद कर लें और सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिए या चादर से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके|
– अगर आग आपकी अपनी इमारत में लगी है और आप फंसे नहीं हैं तो पहले बाहर आएं और वहीं रुककर 101 नंबर पर अग्निशमन सेवा को घटना की सूचना दें।
– अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर अवश्य लगाएं। क्योंकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना सदैव ही बेहतर और अच्छा होता है|
– निश्चित अंतराल पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्त्रोत, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली, अग्निशामक की जांच करवाते रहें।
– अग्निशामक यंत्र का प्रयोग कब और कैसे करना है, इस बारे में अवश्य जानें और लोगों को भी इसकी जानकारी दें।