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यदि जीवन में अनुशासन होगा तो समाज में भी अनुशासन होगा - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
यदि जीवन में अनुशासन होगा तो समाज में भी अनुशासन होगा

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– चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन के चौथे सत्र में अतिथियों ने व्यक्त किए अपने विचार

शिव आमंत्रण,13 सितंबर, आबू रोड/राजस्थान।  चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन के चौथे सत्र में देश-विदेश से आईं शख्सियतों ने सार्वभौमिक शांति के लिए विज्ञान और आध्यात्म विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन आबू रोड में चल रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में मयूरभंज उड़ीसा से आए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और केंद्रीय राज्य मंत्री जनजातीय मामलों और जल शक्ति मंत्रालय बिश्वेस्वर टुडु ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में कार्य करने वाला व्यक्ति समाज से ही होता है। जब तक समाज में परिवर्तन नहीं होगा, तब तक हम देश में कितने भी कानून लाएं लेकिन वह सही तरीके से लागू नहीं हो पाएगा। क्योंकि जिसकी शिक्षा जिस तरह की होगी वैसे ही वह कार्य भी करेगा। आज समाज में मूल्यों की कमी नजर आ रही है। यदि बच्चों में मूल्यों की कमी होगी तो इसका प्रभाव समाज और देश में पड़ेगा।  
केंद्रीय मंत्री टुडु ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को एक संदेश दे रही है कि मानव कैसे एक अनुशासित जिंदगी जीएं। यदि जीवन में अनुशासन होगा तो समाज में भी अनुशासन होगा। आज दवाई के साथ हमें स्वस्थ रहने के लिए योग की भी जरूरत है। हम जल्द ही देश में पानी का संकट दूर करने के लिए 75 अमृत सरोवर बनाएंगे। दुनियाभर में भारत के नेतृत्व को सराहा जा रहा है। कोरोनाकाल में भारत ने दुनिया में सबसे बेहतर तरीके से मैनेज किया। जब तक लोगों का आपस में प्यार-स्नेह नहीं होगा, देशभक्ति की भावना नहीं होगी, जीवन में आध्यात्मिकता नहीं होगी तो हमें सफलता नहीं मिलेगी। सभी संकल्प लें कि यहां से संदेश लेकर हम अपने समाज में फैलाएंगे। हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे तो जल्द ही भारत विश्वगुरु होगा।

भारत में माल्टा के उच्चायुक्त रुबिन गैची संबोधित करते।

आध्यात्म से आएगी विश्व में शांति- उच्चायुक्त
भारत में माल्टा के उच्चायुक्त रुबिन गैची ने कहा कि दादी जानकी जी डायनॉमिक पर्सनॉलिटी थीं। वह 104 साल की उम्र में भी इतने बड़े संगठन को संभाल रही थीं, यह आध्यात्मिकता की शक्ति से ही संभव है। आध्यात्म में बहुत बड़ी पॉवर है। आध्यात्म से ही विश्व में शांति आएगी। आज शांति विश्व की जरूरत है।

भारत माता की जय में सब समाया है-
मप्र के बैतूल से आए सांसद दुर्गादास उइके ने कहा कि  आत्मा-परमात्मा को जाने बिना आध्यात्मिक शक्तियों का संयोजन करना मुमकिन नहीं है। शक्ति स्वरूपा ब्रह्माकुमारी बहनों ने शून्य से यात्रा शुरू की थी और आज शिखर पर हैं। यह सब आज इनकी त्याग-तपस्या और कड़ी मेहनत का परिणाम है। हम बचपन से लेकर मृत्यु तक भारत मां की गोदी में पलते-बढ़ते और इसी मिट्टी में समां जाते हैं। जब भारत माता का जयकारा बोला जाता है तो सभी 12 ज्योतिर्लिंग, सभी धर्म स्थल, सभी देवी-देवता, 51 शक्तिपीठ और पवित्र नदियों की जय हो जाती है। विश्व के अन्य राष्ट्रों में विज्ञान की प्रगति के साथ आध्यात्म छूट गया। विज्ञान और आध्यात्म में जो तुलनात्मक समन्वय होना था उसमें कहीं न कहीं अंतर आया है।

डायमंड हाल में मौजूद लोग। 

यहां के सोलार प्रोजेक्ट को राज्यों में लागू किया जाए-
बूंदी के 26वें महाराजा यंशवद्र्धन सिंह बहादुर ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज ने सोलार पॉवर से भोजन का यहां जो प्रयोग किया है उसे राज्य सरकारों फॉलो करते हुए अपने-अपने राज्यों में लागू करें तो इससे बहुत ऊर्जा की बचत होगी। वर्ष 1937 में दादा लेखराज (ब्रह्मा बाबा) ने कितनी बड़ी सोच के साथ इस संस्था की नींव रखी होगी। आज हमारी सरकारों बेटी बचाओ और महिला सशक्तिकरण का संदेश दे रही हैं उसकी नींव तो दादा लेखराज ने 1937 में ही रख दी थी।

इन्होंने भी रखे अपने विचार-
– कृषि ज्ञान विजना वेदिके के संस्थापक डॉ. वसंत के. थिमकपुरा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज में साइंस और स्प्रीचुऑलिटी का बैलेंस देखने को मिलता है। साइंस भौतिकता को बढ़ावा देती है तो आध्यात्मिकता आंतरिक संरचना, अंतर्जगत को जानने की गहराइयों में ले जाती है। हम जितना आध्यात्म को जानते जाएंगे उतना खुद के करीब होते जाएंगे। उत्तराखंड गंगोत्री से आए विधायक सुरेश चौहान, बांसवाड़ा से लोकसभा सांसद मानशंकर निनामा का विशेष स्वागत किया गया।

कल्पतरुह अभियान के तहत रिकार्ड पौधारोपण पर किया बहनों का सम्मान।

रिकार्ड पौधारोपण पर किया सम्मान-
ब्रह्माकुमारीज द्वारा चलाए गए 75 दिवसीय कल्पतरुह अभियान में रिकार्ड पौधारोपण करने पर ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान किया गया। अभियान के तहत भोपाल जोन के रीवा सेवाकेंद्र प्रभारी बीके निर्मला बहन द्वारा 4.5 लाख पौधे के साथ पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहीं। वहीं छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन तीन लाख पौधे के साथ द्वितीय और बैतूल सेवाकेंद्र प्रभारी बीके मंजू बहन द्वारा एक लाख पौधे लगाए गए। वहीं उत्तराखंड के चमोली सेवाकेंद्र के बीके मेहरचंद द्वारा ढाई लाख पौधे लगाए गए। संचालन दिल्ली की बीके सपना बहन ने किया। शिक्षा प्रभाग के दूरस्थ शिक्षा के निदेशक बीके पांडियामणि ने आभार माना।

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