- राजयोग के राज को जान हजारों लोगों ने नशे को कहा अलविदा
- 90 दिन में 1660 कार्यक्रम
- 399185 लोगों को दिलाया का संकल्प
- 05 लाख लोगों को दिया संदेश
- 26 राज्यों में चल रहा अभियान
- 582 नशामुक्ति अभियान चलाए
- 82 स्थानों से निकाली गई रैली
- 76 नशामुक्ति प्रदर्शनी लगाईं
- 50 कॉलेजों में विद्यार्थियों को कराई प्रतिज्ञा
- 30 जेलों में बंदियों को कराया संकल्प
- 28 सेमीनार से दिया संदेश
- 19 सरकारी कार्यालयों में कार्यक्रम
- 12 हॉस्पिटल में भी हुआ नशामुक्ति के आयोजन
शिव आमंत्रण, आबू रोड/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा चलाया जा रहा नशामुक्त भारत अभियान जन क्रांति बन गया है। अभियान को लेकर देशभर में उत्साह चरम पर है। ब्रह्माकुमार भाई-बहनें पूरे समर्पित भाव से लोगों को नशे के चंगुल से छुड़ाने के लिए जुटे हैं। स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थियों को इस अभिशाप से मुक्त रहने का संकल्प कराया जा रहा है तो सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शनी से नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। तीन माह में देशभर में रिकार्ड 1660 कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनसे पांच लाख लोगों को संदेश देकर 399185 लोगों को नशामुक्ति की प्रतिज्ञाएं कराईं गईं। देशभर में सबसे ज्यादा हरियाणा में 216 और
मध्यप्रदेश में 214 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अपराध का एक बड़ा कारण नशा भी है। ऐसे में जेल में भी ब्रह्माकुमार भाई-बहनें जाकर कैदी-बंदियों को जेल से बाहर आने पर नशे से दूर रहने का संकल्प करा रहे हैं। उन्हें राजयोग मेडिटेशन का प्रशिक्षण देकर आध्यात्मिक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
तीन साल तक देशभर में चलाया जाएगा अभियान
बता दें कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिकल विंग के बीच तीन साल के लिए एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत देशभर में राष्ट्रव्यापी अभियान चलाकर दस करोड़ लोगों को नशामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के तहत सेमिनार, मोटिवेशनल वर्कशॉप, रैली, प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक के जरिए जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा मेडिकल विंग द्वारा 35 साल से नशामुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। आज
लाखों लोग नशामुक्त होकर आध्यात्मिक जीवनशैली के साथ जी रहे हैं।
काउंसलिंग भी कर रहे
नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों की ब्रह्माकुमार भाई-बहनों द्वारा काउंसलिंग की जा रही है। राजयोग मेडिटेशन की विधि सिखाकर लोगों को आत्म बल बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। नशा कैसे व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर बनाकर सामाजिक ख्याति को खत्म कर देता है आदि बातों के जरिए लोगों को सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है।
नशामुक्त भारत और स्वर्णिम भारत
ये सपना जरूर लगता है लेकिन असंभव नहीं। इसी असंभव के विरुद्ध राजयोगियों ने बिगुल बजा दिया है। लाखों लोगों ने कमर कस ली है। सपना है मेरा भारत नशामुक्त हो। आंखों में स्वर्णिम भारत की चमक लिए हजारों राजयोगी युवा पूरे उमंग-उत्साह के साथ जुट गए हैं। लोगों को नशामुक्ति की प्रतिज्ञा कराकर खुशहाल जीवन जीने का मंत्र सिखा रहे हैं।
ब्रह्माकुमारीज़ के रांची सेवाकेंद्र से नशामुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई। अभियान का शुभारंभ झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह, सेवाकेंद्र निदेशिका बीके निर्मला दीदी ने शिवध्वज दिखाकर और ब्रह्माकुमारी बहनों को कलश देकर किया। अभियान के तहत शहर व गांवों में लोगों को नशामुक्ति का संकल्प कराया जा रहा है।
नशापान नहीं अध्यात्मिक पान करने की जरूरत है
भगवान हमें इस दुनिया में जिस काम के लिए भेजा है उसे करना होगा, नशा करेंगे तो आधे में ही हमारा जीवन चला जाएगा। नशापान नहीं बल्कि आध्यात्मिक पान करने की जरूरत है। दृढ़ संकल्प और आध्यात्मिकता से इसे हराया जा सकता है। नशामुक्ति के पहले हमें लोगों के मन को जागरूक करना होगा।
ब्रह्माकुमारीज़ का बहुत ही सराहनीय प्रयास
सामूहिक प्रयासों और संगठित होकर नशे की लत को खत्म किया जा सकता है और समाज में आवश्यक सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। नशामुक्ति अभियान के माध्यम से समाज में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा जागरूकता लाई जा रही है जो सराहनीय कदम है।