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कारगिल युद्ध में परमात्मा की याद से विजय पाई: ब्रिगेडियर हरवीर सिंह - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
कारगिल युद्ध में परमात्मा की याद से विजय पाई: ब्रिगेडियर हरवीर सिंह

कारगिल युद्ध में परमात्मा की याद से विजय पाई: ब्रिगेडियर हरवीर सिंह

मुख्य समाचार

– सुरक्षा सेवा प्रभाग की पांच दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन
– आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के 14 अधिकारियों ने लिया भाग
– देशभर से 500 अधिकारियों-जवानों ने लिया भाग

शिव आमंत्रण, 28 सितंबर, आबू रोड/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मनमोहिनीवन परिसर में चल रही पांच दिवसीय सुरक्षा सेवा प्रभाग की नेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन हो गया। इसमें देशभर से पांच सौ तीनों सेनाओं के अधिकारी-जवान सहित पुलिस अधिकारी, जवानों ने भाग लिया। सभी ने खासकर मेडिटेशन सेशन में विशेष रुचि ली।
समापन सत्र में ब्रिगेडियर हरवीर सिंह ने कहा कि जबसे मैंने ब्रह्माकुमारीज का ज्ञान लिया है तब से परमात्मा का बहुत आशीर्वाद मेरे साथ है। मेरे इनर सेल्फ को साफ दिखता है कि हमने जो भी प्राप्त किया अब तक उसमें हमारा एक परसेंट भी रोल नहीं है। जब भी मेरे सामने कठिन परिस्थिति आई कारगिल युद्ध के दौरान तब मैं हर वक्त परमात्मा की याद में रहता था। परमात्मा की याद से युद्ध में विजय पाई। याद माना यहां जो हमें मेडिटेशन सिखाया गया कि हम सब आत्मा हैं और उस सुप्रीम सॉल की संतान हैं। जब आप इसे रोजाना प्रैक्टिस करते हैं तो हमें कई अनुभव होते हैं। अनुभव होने से तब पता चलेगा कि हम सब सिर्फ माध्यम हैं। जब हम हार्डवर्क, तनाव, मेहनत की बात करते हैं तब हम बॉडी कॉन्शियस में होते हैं। मेडिटेशन सॉल कॉन्शियस होना है।

राजयोग को जीवन में अपनाएंगे-
श्री सनातन जेवा के कोस्ट गार्ड डीआईजी पारादीप ने कहा कि यहां सिखाए जा रहे राजयोगा मेडिटेशन सबसे उत्तम है। हम इसे अपने जीवन में अपनाएंगे।  हर क्षेत्र में राजयोग मेडिटेशन की जरूरत महसूस हो रही है। ब्रह्माकुमारीज की पहल अनोखी और सराहनीय है।

 कॉन्फ्रेंस में मौजूद सेना के अधिकारी व जवान।

यहां की फिलॉसफी सहज और सरल है-
हिमाचल प्रदेश पूर्व आईजी आईपीएस हिमांशु मिश्रा ने कहा कि यहां आने से पहले मैं ब्रह्माकुमारीज के संपर्क में था। कुछ दिन पहले लीडरशिप और एम्पॉवरमेंट विषय पर सेवाकेंद्र की बहनों ने हमसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मेरा सबसे बड़ा प्रश्न यह था कि फोर्स के लोग अक्सर जीवन और मौत की परिस्थिति का सामना करते हैं। जिन्हें एक सेकंड से भी कम समय में निर्णय लेना होता है, जो लगातार स्ट्रेस में रहते हैं कि वह अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद जिंदा वापस जा पाएंगे कि नहीं। अगली बार वह अपने परिवार से मिल पाएंगे या नहीं? इसमें आध्यात्म कैसे मदद करेगा? लेकिन ब्रह्माकुमारीज का ज्ञान और ब्रिगेडियर हरवीर सिंह का कारगिल संस्मरण सुनने के बाद हमारी सारी शंकाओं का समाधान हो गया। ब्रह्माकुमारीज की फिलॉसफी बिना जटिलता के बहुत सहज और सरल है।

यहां टीचिंग लॉजिकल है-
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के पूर्व निदेशक रामफल पंवार ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज की फिलॉसफी और टीचिंग लॉजिकल है। फैक्ट के साथ यहां ज्ञान दिया जाता है। इस ज्ञान से लोगों को आंतरिक खुशी मिलती है और प्रसन्नता प्राप्त होती है। हमारी विचारधारा बदलती है। मैं भी राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करता हूं और इससे मेरे जीवन में काफी बदलाव आए हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल विकास चौहान ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास के बाद मेरा सोचने का नजरिया बदल गया। पहले की अपेक्षा क्रोध कम हुआ है और ज्यादा खुश रहता हूं।

संबोधित करते हुए सुरक्षा सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा बीके शुक्ला दीदी। 

इन बातों को प्रैक्टिकल लाइन में भी करें अप्लाई-
सुरक्षा सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा बीके शुक्ला दीदी ने कहा कि  आप सभी ने पांच दिन तक यहां जो भी आध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन से जुड़ीं गहराई पूर्ण बातें सीखीं हैं उन्हें अपने-अपने सेवा स्थान पर जाकर प्रैक्टिकल जीवन में अप्लाई करें। इससे आपका जीवन तो सुखमय बनेगा ही साथ ही परिवार में भी माहौल खुशनुमा बनेगा। कैप्टन शिव सिंह भाई ने बताया कि राजयोग मेडिटेशन एक टेक्निक है। इसके नियमित अभ्यास से निश्चित रूप से फायदा होता ही है। ग्रुप कैप्टन डीएस सचान ने कहा कि इस नेशनल कॉन्फ्रेंस में 500 जवानों, अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें से 14 आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के अधिकारियों ने भाग लिया। कर्नल बीके सती ने भी राजयोग से जुड़े अपने अनुभव सांझा किए।
राजयोग का अभ्यास कराते हुए बीके कमला दीदी ने कहा कि मैं आत्मा शरीर की कर्मेन्द्रियों की मालिक, पांच तत्वों की दुनिया से दूर परमधाम की निवासी हूं। साथ ही मेडिटेशन की कॉमेंट्री से सुंदर योग की अनुभूति कराई।

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