– आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा दया एवं करुणा विषय पर आयोजित पांच दिवसीय राजनेता सम्मेलन का समापन
शिव आमंत्रण,26 सितंबर, आबू रोड/राजस्थान। आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा दया एवं करुणा विषय पर ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन परिसर में आयोजित पांच दिवसीय राजनेता सम्मेलन का सोमवार को समापन हो गया।
समापन सत्र में सम्मेलन के अपने अनुभव सांझा करते हुए नेपाल से आए कवासोती के महापौर विष्णु विशाल ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए नेपालियों ने भी अपनी कुर्बानी दी थी। स्वतंत्रता आंदोलन में नेपाल ने भी अपना सहयोग दिया था। भारत और नेपाल का भाईचारा का नाता है। हमारा देश हिंदू संस्कृति का देश है। जहां पशुपतिनाथ जी विराजमान हैं। हमारा देश वेदव्यास जी, गौतम बुद्धजी, वाल्मीकि ऋषि की तपस्या का देश है। हमारे यहां ही गायत्री मंत्र की रचना की गई। हम नेपाल से धार्मिक सम्मेलन का संदेश लेकर आए हैं। मेरा यहां मौजूद सभी राजनेताओं से आग्रह है कि सभी नेपाल में पशुपतिनाथ के दर्शन करने जरूर आएं।
इस ज्ञान से मेरा जीवन बदल गया-
उप्र, राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज से जुडऩे के बाद पूरा जीवन बदल गया। जीवन जीने का तरीका बदल गया। मेरी सोच बदल गई। परमात्मा के आशीर्वाद से राज्य महिला आयोग के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रही हूं। राजयोग मेडिटेशन की बदौलत जीवन में विपरीत परिस्थितियां आईं लेकिन मन को कभी कमजोर नहीं होने दिया। इस ज्ञान से मुझे यह सीख मिली कि यदि कोई हमारे साथ बुरा बर्ताव कर रहा है तो हमें उनके प्रति रहम का भाव रखना चाहिए, क्योंकि कहीं न कहीं वह कमजोर हैं।
संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि एक बार सभी राजनेतागण जरूर राजयोग मेडिटेशन के बारे में जानने, समझने का प्रयास करें। अपने आसपास के राजयोग मेडिटेशन केंद्र जाकर राजयोग सीखें और अपने जीवन को एक नई दिशा दें।
यह शिव की शक्तियों का द्वार है-
राजनीतिक सेवा प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके ऊषा दीदी ने कहा कि जब तक समय नहीं आता है, तब तक यहां पहुंच नहीं सकते हैं। राजनेता अपने खानपान के अंदर परिवर्तन लाएं। अशुद्धि को दूर कर जीवन में शुद्धि लाएं। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ये जीवन की कमजोरियां हैं। ये कमजोरियां इसलिए आईं क्योंकि कहीं न कहीं जीवन में शक्ति की कमी है। इसलिए ये कमजोरियां आईं। अंधेरे को कोई स्त्रोत नहीं है, जब प्रकाश जलाते हैं तो अंधेरा अपनेआप दूर हो जाता है। ईश्वर के पास जब हम जाते हैं तो कहते हैं कि ये प्रभु हम पर इतनी दया, करुणा करना। इसके लिए हमें शक्ति का आह्नान करना होगा। नवरात्र आरंभ हो चुके हैं और नवरात्र में दिखाते हैं कि नवदुर्गा को परमात्मा की शक्तियां दिखाईं गई हैं। शिव से शक्ति लेकर ही शक्तियां बनी हैं। यह शिव की शक्तियों का द्वार है। अपने जीवन का अंधेरा मिटाना है तो इसके लिए यह परमात्मा का द्वार है।
आज यह अभियान समूचे विश्व में पहुंच चुका है-
कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके राजू भाई ने कहा कि जब इस धरा पर पाप की अति हो जाती है तो परमपिता शिव परमात्मा स्वयं इस धरा दूत पर अवतरित होते हैं। वह प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के तन का आधार लेकर ज्ञान देते हैं। वर्ष 1937 से शुरू हुआ यह विश्व परिवर्तन का अभियान आज समूचे विश्व में पहुंच चुका है। संचालन दिल्ली की बीके सपना बहन ने किया। आभार मैसूर के बीके रंगनाथ ने किया।