सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
शिविर में 325 रक्तवीरों ने किया रक्तदान सिरोही के 38 गांवों में चलाई जाएगी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल परियोजना व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाएंगे तो लाइट रहेंगे: राजयोगिनी जयंती दीदी राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया हर्बल डिपार्टमेंट का शुभारंभ  मप्र-छग से आए दस हजार लोगों ने समाज से नशे को दूर करने का लिया संकल्प चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन वैश्विक शिखर सम्मेलन (सुबह का सत्र) 6 अक्टूबर 2024
भारतीय संस्कृति की सीख को पूरे विश्व में फैला रही है ब्रह्माकुमारीज - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
भारतीय संस्कृति की सीख को पूरे विश्व में फैला रही है ब्रह्माकुमारीज

भारतीय संस्कृति की सीख को पूरे विश्व में फैला रही है ब्रह्माकुमारीज

मुख्य समाचार

राज्यसभा सदस्य नरहरि पटेल के विचार

शिव आमंत्रण, माउण्ट आबू। गुजरात के राज्यसभा सदस्य तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री नरहरि अमीन पटेल ने कहा, कि बंह्माकुमारी संगठन के संस्थापक ब्रह्माबाबा ने जो ज्ञान दिया है वह मानव मात्र को आलोकित करने में सक्षम है। यहां चित्र के स्थान पर चरित्र, व्यक्ति के स्थान पर व्यक्तित्व की उपासना होती है जो अपने आप में अनुकरणीय है। वास्तविक अर्थों में धर्म संयम, सदाचार, शाकाहार, वसुधैव कुटुंबकम् की शिक्षा आत्मभाव उत्पन्न करता है। धर्म को बिना किसी आडंबर के मंदिर, मस्जिदों के बाहर लाकर एक सार्वभौम क्षेत्र में लेने का जो इतिहास नवयुग का सूत्रपात यहां देखा गया है वह भी अद्भुत ही नही अनुकरणीय भी है। वे माउंट आबू प्रवास के दौरान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन में अपने विचार सांझा कर रहे थे।
उन्होने कहा, कि भारतीय संस्कृति की सीख को फिर से विश्व में कारगर तरीके से स्थापित करने के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन की ओर से किए जा रहे प्रयास सार्थक सिध्द हो रहे है। मजबूत मनोबल होने से किसी भी असंभव कार्य को संभव करने में कोई बडी से बडी परिस्थिति भी बाधा नही बन सकती । पारिवारिक व सामाजिक सद्भाव को कायम रखने के लिए स्वयं की चेतना में निहित श्रेष्ठ भावनाओं की शक्ति को निमित्त भाव से कार्य में लगाना चाहिए।

सपरिवार ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय पांडव भवन का उन्होने अवलोकन किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान के ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्ढ़ा ने कहा, कि सकारात्मक सोच दवाई का कार्य करती है। मन, बुध्दि में उच्च कोटि के विचारों की रचनात्मक शक्ति को बढ़ाने से कई प्रकार की व्याधियों से स्वयं को मुक्त रखा जा सकता है। पवित्रता आत्मा की मूल संपदा है। व्यर्थ संकल्पों की सूक्ष्म रस्सियों से बंधे मन को स्वतंत्रता दिलाने के लिए चेतना के ज्ञान की गहराई में उतरना होगा। मन की भूमि पर सत्य ज्ञान के बीज अंकुरित करने से ही मन, वचन, कर्म की पवित्रता को बल मिलता है।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके शशिप्रभा, युवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके चन्द्रिका, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू समेत कई लोगों से भी उन्होने मुलाकात की तथा संस्थान की गतिविधियों की जानकारी ली।
इस दौरान उन्होंने ब्रह्माबाबा के समाधि स्थल शांति स्तम्भ, बाबा की कुटिया तथा उनके कमरे में जाकर कुछ मिनट मौन रहकर विश्व शांति की कामना की। उन्होंने कहा, कि ब्रह्मा बाबा ने पूरे विश्व में मानवीय मूल्यों का प्रचार प्रसार कर लोगों के जीवन में सुख शांति का संचार किया। अन्त में उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंटकर सम्मानित किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *