सभी आध्यात्मिक जगत की सबसे बेहतरीन ख़बरें
ब्रेकिंग
सिरोही के 38 गांवों में चलाई जाएगी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल परियोजना व्यर्थ संकल्पों से अपनी एनर्जी को बचाएंगे तो लाइट रहेंगे: राजयोगिनी जयंती दीदी राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया हर्बल डिपार्टमेंट का शुभारंभ  मप्र-छग से आए दस हजार लोगों ने समाज से नशे को दूर करने का लिया संकल्प चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का समापन वैश्विक शिखर सम्मेलन (सुबह का सत्र) 6 अक्टूबर 2024 श्विक शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन-
गीता के अन्दर ही है जीवन इसिलिए है सब ग्रथों में कदर - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
गीता के अन्दर ही है जीवन इसिलिए है सब ग्रथों में कदर

गीता के अन्दर ही है जीवन इसिलिए है सब ग्रथों में कदर

राज्य समाचार हरियाणा

गुरूग्राम के नये मेडिटेशन सेंटर के उद्घाटन पर व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, गुरूग्राम। गुरूग्राम के सेक्टर-65 स्थित एम3एम गोल्फ स्टेट में नया मेडिटेशन सेंटर खुला है जिसका उद्घाटन ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, एम3एम इंडिया ग्रुप के फाउन्डर चेअरमेन बसंत बंसल, ओम् शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका बीके आशा की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ।
बसंत बंसल ने इस दौरान कहा, कि मेरी माता जी पिछले 31 सालों से ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान से जुड़ी हुई हैं और उनके ही संकल्प से मुझे यह मेडिटेशन सेंटर खोलने की प्रेरणा मिली।
आगे बीके बृजमोहन ने कहा, कि जिस स्थान पर यह मेडिटेशन सेंटर खुला है यहां रहने वाले लोग सांसारिक रूप से सम्पन्न है ऐसे में यह मेडिटेशन सेंटर उन्हें मानसिक संतुष्टि और सम्पन्नता प्रदान करेगा।
आज दुनिया मे सब कुछ है लेकिन हर व्यक्ति कहता है मेरे पास कुछ कमी है और वह है मन के शांति की, संतोष की। यह चीज आध्यात्मिक शक्ति से ही आ सकती है और किसी तरीके से आ नही सकती। हम लोग पूजा करते है, पाठ करते है, और और काम करते है लेकिन उनसे वह आध्यात्मिक शक्ति नही आती। वह हमारे पूर्वजो ने इसलिये किया था कि हमारा ध्यान आध्यात्मिकता की तरफ रहे। आध्यात्मिक शक्ति के लिए बकायदा शिक्षा चाहिए। भारत में अनेक गं्रथ है लेकिन सबसे जादा गीता की मान्यता है। क्योंकि गीता के अन्दर शिक्षा है।
बीके आशा ने कहा, हम एक अच्छे इन्सान है यही हमारा डेसिग्रेशन है। इन्सानियत की भाषा, इन्सानियत का व्यवहार और एक इन्सान की रीति से चल सकना आज के इस बदलते हुए समय की पुकार है। आगे उन्होने कहा, त्याग और तपस्या प्रालब्ध का आधार है। वो इतनी अधिक हो जो प्रालब्ध प्राप्त होने के बाद भी हमारी आंख उसमे न डूबे। दादी जी की यह बात मुझे समझ मे आयी और इसको मै बहनों को बताया भी करती हूं। कोई चीज प्लेट पे रख कर के मिल जाए उसकी कदर नही होती। लेकिन जितना उसके
फाउंडेशन में त्याग और तपस्या का बल होगा उतनी उसकी कदर होगी।
कार्यक्रम के पश्चात सभी ने पूरे सेंटर का अवलोकन किया और मेडिटेशन का अभ्यास करते हुए गहन शांति की अनुभूति की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *