कनाडा के आनलाइन कार्यक्रम में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, ओट्टावा। कनाडा से ‘ट्रांससेन्डिंग द चेलेन्जस ऑफ ए वल्र्ड इन ट्रान्जीशन’ विषय पर आनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बीबीसी रेडियो में लम्बे समय तक डॉक्यूमेंट्री मेकर और रेडियो प्रेजेन्टर के तौर पर कार्य करने वाली फिलिपा ब्लैकहम, यूनाईटेड नेशन में ब्रह्माकुमारीज की प्रतिनिध बीके गायत्री, कनाडा के ब्रदर एरिक शामिल हुए।
मौके पर ब्रदर एरिक ने कहा, कोई भी मुझे पुछेगा कि क्या आप के पास थोडा वक्त है? वो बोलेंगे कि कई मिनट? मै बताउंगा, नही, सिर्फ कई सेकंड। एक बार न्यूयार्क के रिट्रिट सेंटर पर मै गया तीे मुझे बताया गया कि समझो आप को कोई चीज अच्छी नही लगती तो आप उस चीज को और भी मजबुत बना रहे हो और एक दिन फिर वह चीज आप के पास ही वापीस आयेगी। उस बात ने मुझे स्ट्राइक किया। उसके बाद मुझे कोई वक्त के बारे मे पूछता है तो मै बताता हूं कि मेरे पास दुनियाभर का टाईम है, अब बताओ। उसके बाद मै फ्री हो गया और लगा कि वक्त का बटन भी हमारे हाथ मे आ गया।
बीबीसी रेडियो की फिलिपा ब्लैकहम ने पूछा, कि स्वार्थ भाव से ऊपर उठकर हमको विश्व सेवा में लगना है तो उसके लिए क्या करना पडेगा?
इसपर बीके गायत्री ने जबाब में कहा, इसको हमे उद्देश और अर्थ मे बदलना होगा। दादी जानकी ने यह करके दिखाया है कि इस दुनिया मे हमारा उद्देश होगा अपने भाव को बदलना। वह है सारी दुनिया को मानवता के तौर पर जोडना, भगवान के साथ एक सोर्स मानकर जुडना, खुद को इस दुनिया का पालक समझना। इसका मतलब अपने जैसे लोगों को जोडना और इस दुनिया को अज्ञान अंधकार से जादा से जादा सोजरे की तरफ ले जाना।