इंस्टेंट ईज फ्रॉम मेंटल डिसीज कार्यक्रम में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, सूरत। गुजरात के सूरत मे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ गुजरात, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ सूरत एवं यूएसए से एसोसिएशन ऑफ इंडियन फिजिशियन ऑफ नार्थ ऑहियो के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसका विषय रहा इंस्टेंट ईज फ्रॉम मेंटल डिसीज जिसे संबोधित करने के लिए मुख्यालय से अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता बीके सुनीता एवं न्यूयॉर्क में पीस विलेज रिट्रीट सेण्टर की डायरेक्टर बीके डॉ. कला को विशेष आमंत्रित किया गया।
मौके पर बीके डॉ. कला ने कहा, हम अपने हाथ से करेंगे या मेडिसीन से करेंगे तो उसका परिणाम आज की परिस्थिति में बहुत ही मर्यादित होगा। लेकिन हम सकारात्मक प्रकंपन से या वायब्रेशन से जो सेवा करेंगे वह हीलींग फोर्स होगी। उसमे विश्वास है, आशा है, उत्थान है, प्रोत्साहन है, स्वीकार्यता है।
बीके डॉ. सुनीता ने कहा, वैसे देखा जाय तो हम शरीर है ही नही। दिखाई देता है शरीर, लेकिन उसको चलानेवाली शक्ति आत्मा है। वह हर व्यक्ति के दो भु्रकुटी के बीच में वास करती है। उसके अंदर जो संस्कार है उसके अनुसार वह कार्य करती है। इसमे श्रेष्ठ संस्कार भरने के लिए खुद हमारे आत्मा का पिता परमात्मा शिव अवतरित हुए है। उनका ज्ञान धारण करने से दिव्यता आयेगी और आत्मा की जो मूल शक्तियां है वह जागृत होने से खुशी का पारावार नही रहेगा। दु:ख का नामोनिशाणा नही रहेगा। उन शक्तियों में सुख, शान्ति, आनंद, प्रेम, पवित्रता, शक्ति, ज्ञान आदि का समावेश है।
इस ऑनलाइन सेमिनार में आगे सभी एसोसिएशन के हेड्स ने अपने विचार रखे। अंत में सभी एसोसिएशन की ओर से डॉ. कला को आउटस्टैंडिंग ग्लोबल स्पिरिचुअल डॉक्टर अवार्ड तो डॉ. सुनीता को एक्सेप्शनल ग्लोबल स्पिरिचुअल डॉक्टर अवार्ड का वर्चुअली सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।