- मोटा अनाज खाने से खून होता है पतला और बीमारियों रहती हैं दूर
- मिलेट्स की उपयोगिता और स्वास्थ्य सलाह पर सेमीनार आयोजित
- पद्यश्री डॉ. खादरवली ने बताए स्वस्थ रहने के टिप्स
शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय शांतिवन के डायमंड हाल में मिलेट्स की उपयोगिता और स्वास्थ्य सलाह को लेकर सेमीनार आयोजित िकया गया। इसमें मुख्य वक्ता आंध्रप्रदेश के कडप्पा से आए पद्यश्री डॉ. खादरवली ने कहा कि बड़े षड़यंत्र के तहत हमारे खाने को खराब किया गया है। वर्तमान में हम जो खा रहे हैं वास्तव में वह मानव के खाने के लायक नहीं है। क्योंकि हमारे स्वास्थ्य, खून का संतुलन इस खाने से बिगड़ गया है। गेहूं, चावल खाने से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और खून गाढ़ा हो जाता है। इससे शरीर में बीमारियां पैदा होती हैं। ग्लूकोज से हमारे शरीर को शक्ति मिलती है। लेकिन गेहूं और चावल खाने से हमारे शरीर में ग्लूकोज के संतुलन को बिगाड़ देता है। वहीं मिलेट्स (मोटा अनाज) खाने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा संतुलित रहती है, जिससे शरीर बीमारियों से बचा रहता है। श्रीधान्य खाने से हमारा खून पतला होता है और हम बीमारियों से बचे रहते हैं। मिलेट्स का भोजन करने से खून में 5 फीसदी से ज्यादा ग्लूकोज की मात्रा नहीं हो पाती है और हम स्वस्थ रहते हैं।
डॉ. खादरवली ने कहा कि मिलेट्स हमारे पुरानी परंपरा से चला आ रहा अनाज है। इसमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। मिलेट्स खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है। फाइबर भूख कम करता है और लाइपिड्स को नियंत्रित करता है। वहीं एंटीऑक्सीडेंट दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। साथ ही पाचन-तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। मिलेट्स में मौजूद विटामिन बी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बचाते हैं। मिलेट्स में मौजूद मैग्नीशियम हार्ट हेल्थ के लिए फ़ायदेमंद होता है। प्रोटीन, कार्ब्स, डाइटरी, फाइबर, कैल्शियम, और पोटैशियम हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं। मोटा अनाज ग्लूटन फ्री होते हैं और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यदि हम अपने भोजन में मोटा अनाज जैसे- रागी, कुटकी, कंगनी, बाजरा, मक्का, ज्वार आदि शामिल करते हैं तो आधी बीमारियों ऐसे ही दूर हो जाएंगी।
मोटे अनाज को बिना पानी उगा सकते हैं-
डॉ. खादरवली ने कहा कि मोटे अनाज को हम बिना पानी के उगा सकते हैं लेकिन चावल और गेहूं को बिना पानी के नहीं उगा सकते हैं। आज देश-विदेश में ज्यादातर बीमारियों की जड़ गेहूं और चावल है। यदि दिनचर्या में मोटे अनाज को शामिल कर लिया जाए तो 80 फीसदी शारीरिक समस्याओं को हल हो जाएगा। संचालन शिक्षा प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके शिविका बहन ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में भाई-बहन मौजूद रहे।