त्रिपुरा की मुख्य सचेतक कल्यानी रॉय ने शांतिवन का किया अवलोकन, मेडिटेशन सत्र में लिया भाग
शिव आमंत्रण, आबू रोड, 9 जनवरी, निसं। मैं तो वैसे पेशे से वकील थी लेकिन मुझे हमेशा यह रहता था कि मैं लोगों की कैसे सेवा कर पाउं। इसलिए राजनीति को चुना और परमात्मा ने मुझे इसके जरिए लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। वास्तव में राजनीति में आने का हमारा मूल मकसद लोगों की सेवा करना है। उक्त विचार कल्यानी राव ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के डायमंड हॉल से चल रहे आनलाईन आध्यात्मिक और ध्यान मेडिटेशन कार्यक्रम में बोल रही थी।
आगे उन्होंने कहा कि मुझे बहुत दिनों से यहॉं आने की इच्छा थी और यहॉं पहुंच गयी। राजयोग अध्यात्म का समावेश जीवन में बहुत जरूरी है। इससे हमे दूसरों के प्रति सद्भावना का विकास होता है। जीवन में सुख, शांति और आनन्द चाहिए तो इसके लिए प्रतिदिन की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। शिवबाबा का ध्यान करने और उनके बताये रास्ते पर चलने से पूरा जीवन बदल जाता है। यहॉं का परिवेश देखकर लगता है कि हर जगह और प्रत्येक स्थान पर ऐसा ही वातावरण बन जाये तो समाज का अलग ही रूप देखने को मिलेगा। इसलिए यहॉं के भाई बहनों का आभार व्यक्त करती हूॅँ । इसके पश्चात वे शांतिवन परिसर का अवलोकन किया। साथ ही विशाल रसोईघर देखकर अचम्भित हो गयी।
इस दौरान संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने उन्हें मोमेंटो भेंटकर सम्मानित किया तथा वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता ने शॉल ओढ़ाकर तथा ईश्वरीय प्रसाद भेंट कर राजयोग सीखने के लिए प्रेरित किया। इसके पश्चात वे पांडव भवन, ज्ञान सरोवर तथा पीस पार्क का अवलोकन कर उदयपुर के लिए रवाना हो गयी। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था के पीआरओ बीके कोमल समेत कई लोग उपस्थित थे।