युवा प्रभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त विचार
शिव आमंत्रण, भीनमाल। दुनियाभर में लडक़ा और लडक़ी में भेदभाव की घटनाएं सामने आती रहती हैं। बालिकाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। बहुत सारे ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें बालिकाओं को उनके जन्म से लेकर उनके पालन-पोषण के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य और मानवाधिकारों की हकमारी की जाती है। बालिकाओं को उनका अधिकार और सम्मान देने के साथ ही पूरी दुनिया को जागरुक करने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।
इसी क्रम में राजस्थान में ब्रह्माकुमारीज़ के भीनमाल सेवाकेन्द्र एवं युवा प्रभाग द्वारा ‘माई वॉइस, अवर इक्वल फ्यूचर’ विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया।
इस वेबिनार की मुख्य वक्ता रहे मुम्बई से मंजू लोधा, योगा ट्रेनर माया चौधरी, भीनमाल सेवाकेन्द्र की प्रभारी बीके गीता, रानीवाड़ा से बीके सुनीता, मध्यप्रदेश के मंडला से बीके ममता ने बालिकाओं के अधिकारों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
इस मौके पर बीके ममता ने कहा, परमात्मा शिव ने आकर हम आत्मा का ज्ञान दिया है। शरीर के रूप में हम भाई – बहन है लेकिन हमारा मूल स्वरूप सिर्फ आत्मा है, हम ब्रह्माण्ड निवासी आत्मा है और मूल स्वरूप हमारा भाई भाई का ही है।
मंजू लोधा ने काव्यमय भाषा में कहा, पथ पथ संघर्ष करती है बेटियां, फिर भी सफलता को छूती है बेटियां । कुछ न पाने की चाह में आजन्म फूल सी खुशबू बिखेरती है बेटियां। सिर्फ बेटों की चाह में जीनेवालो बेटों से बढक़र होती है बेटियां।
भीनमाल सेवाकेन्द्र की प्रभारी बीके गीता ने कहा, अभी से आप अपनी मानसिक, शारिरीक दोनो शक्तियों को संगठित करे और उसे सही दिशा मे लगाये। न केवल योगा में, अपनी पढ़ाई में भी उतनी ही एकाग्रता से लगे रहना है और साथ ही साथ अपनी सभी कलाओं को विकसित करना है।