शिव आमंत्रण, बहल (हरियाणा)। बहल सेवाकेंद्र पर प्यारे शिव बाबा और ब्रह्मा बाबा को 36 प्रकार के वैरायटी भोग अर्पण करने का एक अनोखा कार्यक्रम रखा गया जिसमें केवल नियमित बीके विद्यार्थियों को ही आमंत्रित किया गया। बहल सेवाकेंद्र संचालिका बीके शकुंतला ने कहा, कि भक्ति में कहा जाता है कि भक्तों ने भोग लगाया और स्वयं बांटकर खाया । भगवान तो केवल वासना के भूखे हैं। ज्ञान मार्ग में भी प्यारे बाबा को हम सत गुरुवार या अन्य किसी भी खुशी के अवसर पर भोग स्वीकार कराते हैं तब भी बाबा हमारी प्रेम भरी भावना को स्वीकार करते हैं ।
इस अवसर पर 36 प्रकार के भोजन में मेवा, फल, मिठाई व कई प्रकार के व्यंजन तैयार किए गए थे। अत: यह विशेष और अनोखा कार्यक्रम संगम युग पर धूमधाम से संपन्न हुआ ।
क्लास हाल को स्वर्ग की तरह फूलों व लडियों से सजाया गया था। गीत बज रहे थे , मेरे सतयुग में आना रे बाबा …।, कहां मिलेगा ऐसा बाबा सतयुग में तेरा प्यार…। स्वर्ग के दृश्य के बीच सतयुग का प्रथम महाराज कुमार मिचनु बाल श्री कृष्ण पालने में झूल रहा था तो दूसरी तरफ बांसुरी बजाते हुवे कृष्ण झूले में झूल रहा था । शेर और हिरण एक घाट पर पानी पीते हुए दिखाए गए थे ।
इस अवसर पर कैथल के पूंडरी सेवाकेंद्र प्रभारी बीके अनिता ने कहा, कि अब सतयुगी दुनिया आयी कि आयी और वह दिन बहुत करीब है जब हम अपने प्यारे परिस्तान भारत में प्रवेश करेंगे। क्योंकि सतयुगी दुनिया के अब तो नजारे चारों ओर दिखाई दे रहे हैं तभी ऐसे ऐसे कार्यक्रमों की प्रेरणा आती है।
जब बाबा को भोग लगाया गया तो उस समय एकदम साइलेंस का वातावरण था और बाबा के आवाहन वाले गीतों पर 1 घंटे तक भोग लगाया गया। इस दौरान कोई हिले भी नहीं, सभी बाबा के प्यार में खोए रहे। फिर तो सभी ने मिलकर 36 प्रकार का ब्रह्माभोजन भी स्वीकार किया। स्वर्ग जैसी भासना लेते हुए सभी ने अव्यक्ति रास किया। इस अवसर पर कम से कम 1 वर्ष से सभी नियम व धारणाओं को पूरा करने वाले भाई बहनों को बाबा का बैज भी पहनाया गया। कार्यक्रम में नन्ही बालिकाओं ने सुुंदर भांगडा कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया ।
परमात्मा को 36 प्रकार के भोग लगाने का अनोखा कार्यक्रम
November 11, 2020 राज्य समाचार हरियाणाखबरें और भी