बहल विजयादशमी में लिया उपक्रम
शिव आमंत्रण, बहल। विजयादशमी पर्व के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारीज के बहल (हरयाणा) सेवाकेंद्र में आंतरिक बुराइयों का रावण दहन कार्यक्रम रखा गया जिसमें हवन कुंड में रावण के अनेक सिरों के प्रतीक सभी ने अपने अपने अंदर की कम से कम एक एक बुराई को हवन कुंड में दहन किया और कम से कम दो गुणों को धारण करने की प्रतिज्ञा की। दुख, अशांति, क्रोध, रिश्वत, भ्रष्टाचार आदि लिखी तख्तियों को हवन कुंड में स्वाहा किया गया। इस अवसर पर चैतन्य दुर्गा की झांकी सजाई गई एवं आरती उतारी गई ।
बहल सेवाकेंद्र की प्रभारी बीके शकुंतला ने कहा, कि आज रावण का समग्र विश्व पर साम्राज्य स्थापित है, हर घर में और हर दिल में रावण बैठा हुआ है और हर वर्ष उसका कद बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग कागज के पुतले के रूप में रावण को जलाकर खुश हो जाते हैं लेकिन उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि सच्चे अर्थों में रावण हमारे अंदर पल रहा है । आज जो कोरोना पूरे विश्व में व्याप्त है, यह भी रावण के ही किसी एक रूप का परिणाम है। अर्थात इन्सान के अंदर फैली हुई बुराइयों का ही परिणाम है। उन्होने कहा, कि कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, व्यभिचार, ईष्र्या, द्वेष, घृणा आदि सभी रावण के ही अलग-अलग मुख हैं। एक तरफ देवियों के रूप मे कन्याओं का पूजन और दूसरी और कन्या जन्म पर मायूसी लाने जैसी दोहरी मानसिकता को आज दशहरे पर दृढ़ संकल्प की तिली से जला देना है तभी असली रावण दहन होगा और फिर से धरती पर रामराज्य का उदय होगा।
इस अवसर पर आश्रम में आसपास के क्षेत्रों से आए हुए नन्हे बच्चों के लिए चारित्रिक उत्थान हेतु शिक्षा वर्धक कार्यक्रम रखा गया। छोटे बच्चों ने गीत और नृत्य प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया ।