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कठिन समय में शांत रहना महानता की निशानी है: उप महानिदेशक अग्रवाल - Shiv Amantran | Brahma Kumaris
कठिन समय में शांत रहना महानता की निशानी है: उप महानिदेशक अग्रवाल

कठिन समय में शांत रहना महानता की निशानी है: उप महानिदेशक अग्रवाल

मुख्य समाचार
  • वैज्ञानिक, इंजीनियर और आर्किटेक्ट विंग की रिट्रीट का शुभारंभ
  • संकट के समय शांति विषय पर चार दिन चलेगी रिट्रीट

शिव आमंत्रण, आबू रोड (राजस्थान)।  ब्रह्माकुमारीज़ के मान सरोवर परिसर में वैज्ञानिक, इंजीनियर और आर्किटेक्ट विंग की चार दिवसीय रिट्रीट का शुभारंभ किया गया। इसमें देशभर से चार सौ से अधिक लोगों ने भाग लिया। शुभारंभ पर भारत सरकार के केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के उप महानिदेशक दिवाकर अग्रवाल ने कहा कि हमारे सभी के जीवन में क्राइसिस आती है। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि हम उसे कैसे संभालते हैं। इससे ही हमारे व्यक्तित्व का विकास होता है। जब हम इंद्रियों के वश हो जाते हैं तो मन उसके मुताबिक हो जाता है। इससे हम सही निर्णय नहीं ले पाते हैं। जीवन में जब कोई परिस्थिति आए तो उस समय खुद के अंदर शांति बनाकर रखना अपने आप में महत्वपूर्ण है और महान व्यक्तित्व की निशानी है। राजयोग मेडिटेशन सीखने के बाद मेरे जीवन में शांति आ गई। ऑनलाइन संबोेधित करते हुए ब्रह्माकुमारीज़ के महासचिव राजयोगी बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि दुनिया के अंदर जितनी भी समस्याएं हैं वह क्राइसिस का रूप लेती जा रही हैं। लगातार सोचते रहने से व्यक्ति की मन की क्षमता कमजोर हो जाती है। राजयोग मेडिटेशन से मन मजबूत होता है और मन की शक्ति बढ़ जाती है। मेडिटेशन लाइफ स्टाइल अपनाने से जीवन आसान हो जाता है। संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके सुदेश दीदी ने भी ऑनलाइन अपने विचार व्यक्त किए।

रिट्रीट में देशभर से आए चार सौ से अधिक लोग मौजूद रहे।

जीवन में कभी खुशी नहीं जाए मल्टी मीडिया चीफ व अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके करुणा भाई ने कहा कि बाबा कहते थे कि कुछ भी हो जाए लेकिन जीवन से खुशी नहीं जाए। सदा हमारा चेहरा हर्षितमुख रहे। हमारी वरिष्ठ दादियां सदा प्रसन्नचित्त रहती थीं। जब हम दादियों के सामने जाते थे तो उनका हर्षितमुख चेहरा देखकर प्रसन्न हो जाते थे। राजयोग मेडिटेशन का ज्ञान प्रैक्टिकल ज्ञान है। जब तक इसे हम जीवन में धारण नहीं करते हैं हमारे जीवन में बदलाव नहीं आता है।

मैं आत्मा मास्टर सर्वशक्तिमान हूं… विंग के अध्यक्ष बीके मोहन सिंघल भाई ने कहा कि इस रिट्रीट में चार दिन तक अलग-अलग विषय पर सेशन आयोजित किए जाएंगे, जिनका आप सभी लाभ लें। यहां से आपको मेडिटेशन के साथ वास्तु और इंजीनियरिंग के नए गुर सीखने को मिलेंगे। वरिष्ठ राजयोगी बीके सूरज भाई ने कहा कि मैं आत्मा मास्टर सर्वशक्तिमान हूं। मुझे इस जीवन में महान कर्म करने हैं। मेरा जन्म महान कार्यों के लिए हुआ है। जब आप इन स्वमानों को सदा याद रखेंगे तो निश्चित रूप से आपका जीवन भी महान बन जाएगा। विंग के दिल्ली के क्षेत्रीय समन्वयक बीके पीयूष भाई ने कहा कि हम सर्वश्रेष्ठ कलाकार की रचना हैं इसलिए इस दुनिया में कोई गलत नहीं है। सभी श्रेष्ठ हैं। सभी अपना-अपना अभिनय कर रहे हैं। इसलिए हमें अपना अभिनय श्रेष्ठ से श्रेष्ठ करना है इस बात का ध्यान रखना होगा। बड़ोदरा के गुजरात जोनल को-ऑर्डिनेटर बीके नरेंद्र पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।  बालोतरा की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके अस्मिता बहन ने संचालन किया। स्वागत नृत्य कुमारी अमीक्षा ने किया।

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