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शिक्षा - Shiv Amantran | Brahma Kumaris

शिक्षा

असली शिक्षा- इंसानियत और बड़ों से बात करने के शिष्टाचार

असली शिक्षा- इंसानियत और बड़ों से बात करने के शिष्टाचार

February 12, 2021

एक बड़ी सी गाड़ी आकर बाजार में रूकी, कार में ही मोबाईल से बातें करते हुए महिला ने अपनी बच्ची से कहा, जा उस बुढिया से पूछ सब्जी कैंसे दी, बच्ची कार से उतरतें ही- अरें बुढिया ! यें सब्जी कैंसे दी?40 रूपयें किलो, बेबी जी… सब्जी लेते ही उस बच्ची ने सौ रूपयें का […]

चन्दन का बाग ………….

चन्दन का बाग ………….

December 27, 2020

एक राजा जो बहुत परोपकारी थे, उनके पास बहुत ही सुन्दर और विशाल चन्दन का बाग था जिससे हर वर्ष उनको सहस्त्रों रूपये का चन्दन अन्य देशावरों को जाता जिससे तेल और इत्र तैयार किये जाते थे.. एक रोज, राजा उनके सैनिकों के साथ घोड़ों पर सवार होकर अपने प्रजाजन का हाल जानने के उद्देश्य […]

अहंकार का विनाश ……………

अहंकार का विनाश ……………

December 26, 2020

एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा। दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस […]

प्रगति का रास्ता…………….

प्रगति का रास्ता…………….

December 12, 2020

एक विद्वान किसी गाँव से गुजर रहा था, उसे याद आया, उसके बचपन का मित्र इस गावँ में है, सोचा मिला जाए । मित्र के घर पहुचा, लेकिन देखा, मित्र गरीबी व दरिद्रता में रह रहा है, साथ मे दो नौजवान भाई भी है। बात करते करते शाम हो गयी, विद्वान ने देखा, मित्र के […]

“मैं न होता तो क्या होता”

“मैं न होता तो क्या होता”

December 5, 2020

अशोक वाटिका में जिस समय रावण क्रोध में भरकर तलवार लेकर सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा कि इसकी तलवार छीन कर इसका सिर काट लेना चाहिये, किन्तु अगले ही क्षण उन्हों ने देखा मंदोदरी ने रावण का हाथ पकड़ लिया, यह देखकर वे गदगद हो गये। वे […]

परीक्षा : पढ़ाई और परिपक्वता का साधन

परीक्षा : पढ़ाई और परिपक्वता का साधन

November 28, 2020

पूरी दुनिया में ऐसा कौन है जिसके जीवन में परीक्षायें नहीं आतीं? किसी के जीवन में आज परीक्षा आती है तो अन्य किसी के जीवन में एक वर्ष के बाद। परन्तु यह एक पढ़ाई है और पढ़ाई में से उत्तीर्ण अथवा पारंगत होने के लिए परीक्षा तो देनी ही पडती है। ये परीक्षायें केवल हमारी […]

ईश्वर का दूसरा रूप होता है शिक्षक, जो बालमन को सींचता है

ईश्वर का दूसरा रूप होता है शिक्षक, जो बालमन को सींचता है

September 3, 2020

एक राजा था। उसे पढऩे-लिखने का बहुत शौक था। एक बार राजा मंत्रीपरिषद के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की। शिक्षक राजा को पढ़ाने आने लगा। राजा को शिक्षा ग्रहण करते हुए कई महीने बीत गए, मगर राजा को ऐसी पढ़ाई से कोई लाभ नहीं हुआ। राजा बड़ा परेशान, गुरू की प्रतिभा […]

सत्यता की राहों से न भटकनेे वाला ही महावीर

सत्यता की राहों से न भटकनेे वाला ही महावीर

September 2, 2020

बहुत समय पहले तिब्बत की राजधानी ल्हासा में बौद्ध भिक्षुओं केदो आश्रम थे। बड़ा आश्रम ल्हासा में था। उसकी एक छोटी गांव में थी। इसके लामा वृद्ध हो गए थे। उन्होंने सोचा कोई उत्तराधिकारी बनाया जाए। तो वो अपने एक शिष्य को उस बड़े आश्रम में भेजते हैं। इस पर कहीं दूर के आश्रम से […]

अपना जीवन खराब मत करो…….

अपना जीवन खराब मत करो…….

August 31, 2020

सिकंदर मकदूनिया (मेसेडोनिया) का ग्रीक शासक था। उसे एलेक्जेंडर तृतीय और एलेक्जें डर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। वह अपनी मृत्यु तक हर उस जमीन को जीत चुका था जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक के लोगों को थी। वही सिकन्दर जब अपनी जिंदगी की आखरी सांसे ले रहा था तब उसने अपने चिकित्सको से […]