शिक्षा
एक बड़ी सी गाड़ी आकर बाजार में रूकी, कार में ही मोबाईल से बातें करते हुए महिला ने अपनी बच्ची से कहा, जा उस बुढिया से पूछ सब्जी कैंसे दी, बच्ची कार से उतरतें ही- अरें बुढिया ! यें सब्जी कैंसे दी?40 रूपयें किलो, बेबी जी… सब्जी लेते ही उस बच्ची ने सौ रूपयें का […]
एक राजा जो बहुत परोपकारी थे, उनके पास बहुत ही सुन्दर और विशाल चन्दन का बाग था जिससे हर वर्ष उनको सहस्त्रों रूपये का चन्दन अन्य देशावरों को जाता जिससे तेल और इत्र तैयार किये जाते थे.. एक रोज, राजा उनके सैनिकों के साथ घोड़ों पर सवार होकर अपने प्रजाजन का हाल जानने के उद्देश्य […]
एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा। दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस […]
एक विद्वान किसी गाँव से गुजर रहा था, उसे याद आया, उसके बचपन का मित्र इस गावँ में है, सोचा मिला जाए । मित्र के घर पहुचा, लेकिन देखा, मित्र गरीबी व दरिद्रता में रह रहा है, साथ मे दो नौजवान भाई भी है। बात करते करते शाम हो गयी, विद्वान ने देखा, मित्र के […]
अशोक वाटिका में जिस समय रावण क्रोध में भरकर तलवार लेकर सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा कि इसकी तलवार छीन कर इसका सिर काट लेना चाहिये, किन्तु अगले ही क्षण उन्हों ने देखा मंदोदरी ने रावण का हाथ पकड़ लिया, यह देखकर वे गदगद हो गये। वे […]
पूरी दुनिया में ऐसा कौन है जिसके जीवन में परीक्षायें नहीं आतीं? किसी के जीवन में आज परीक्षा आती है तो अन्य किसी के जीवन में एक वर्ष के बाद। परन्तु यह एक पढ़ाई है और पढ़ाई में से उत्तीर्ण अथवा पारंगत होने के लिए परीक्षा तो देनी ही पडती है। ये परीक्षायें केवल हमारी […]
एक राजा था। उसे पढऩे-लिखने का बहुत शौक था। एक बार राजा मंत्रीपरिषद के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की। शिक्षक राजा को पढ़ाने आने लगा। राजा को शिक्षा ग्रहण करते हुए कई महीने बीत गए, मगर राजा को ऐसी पढ़ाई से कोई लाभ नहीं हुआ। राजा बड़ा परेशान, गुरू की प्रतिभा […]
बहुत समय पहले तिब्बत की राजधानी ल्हासा में बौद्ध भिक्षुओं केदो आश्रम थे। बड़ा आश्रम ल्हासा में था। उसकी एक छोटी गांव में थी। इसके लामा वृद्ध हो गए थे। उन्होंने सोचा कोई उत्तराधिकारी बनाया जाए। तो वो अपने एक शिष्य को उस बड़े आश्रम में भेजते हैं। इस पर कहीं दूर के आश्रम से […]
सिकंदर मकदूनिया (मेसेडोनिया) का ग्रीक शासक था। उसे एलेक्जेंडर तृतीय और एलेक्जें डर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। वह अपनी मृत्यु तक हर उस जमीन को जीत चुका था जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक के लोगों को थी। वही सिकन्दर जब अपनी जिंदगी की आखरी सांसे ले रहा था तब उसने अपने चिकित्सको से […]