- वृक्ष वंदन कार्यक्रम के तहत न्यायालय परिसर के बाहर रोपे पौधे
- सत्र न्यायाधीश, नायब तहसीलदार और ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के पदाधिकारी रहे मौजूद
- आबू रोड शहर के प्रमुख स्थलों पर किया जाएगा पौधारोपण
शिव आमंत्रण /आबू रोड(राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की ओर से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई पहल शुरू की गई है। संस्थान की ओर से एक माह तक सघन पौधारोपण वृक्ष वंदन कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके तहत माहभर तक आबू रोड शहर के अलग-अलग सार्वजनिक सरकारी कार्यालय और प्रमुख सड़कों के पास पौधारोपण किया जाएगा। इसकी शुरुआत शुक्रवार से न्यायालय परिसर के बाहर सत्र न्यायाधीश मोहित शर्मा, न्यायाधीश गिरीशा शर्मा, नायब तहसीलदार मोहनलाल दांगी और संस्थान के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने की। उदयपुर की सामाजिक धरोहर संस्था के सहयोग से यह कार्यक्रम चलाया जाएगा।
कार्यक्रम में न्यायाधीश मोहित ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बहुत ही अच्छी पहल शुरू की है। वर्तमान में हम सभी को मिलकर पर्यावरण बचाने की जरूरत है। यदि पौधे रहेंगे तो जीवन रहेगा। बिना पेड़-पौधों के कुछ नहीं है। आशा है कि संस्थान की ओर से जगह-जगह पौधारोपण किया जाएगा। वर्तमान में समाज के प्रत्येक व्यक्ति को आगे आकर पौधारोपण जरूर करना चाहिए।
नायब तहसीलदार मोहनलाल दांगी ने कहा कि यह बहुत की खुशी की बात है कि शहर के सार्वजनिक स्थानों पर संस्थान की ओर से पौधारोपण किया जाएगा। नगर के समाजसेवी, प्रबुद्ध नागरिकों को भी ऐसे आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
वृक्षों से ही हरियाली और खुशहाली है-
संस्थान के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि वृक्ष हमारे जीवनदाता हैं। वृक्षों से ही हरियाली और खुशहाली है। हम सभी का दायित्व बनता है कि मां प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रयास करें। ब्रह्माकुमारीज़ का हमेशा यह प्रयास रहा है कि पर्यावरण का संरक्षण कैसे हो। इसके अलावा पौधों के संरक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी। मौके पर एजुकेशन विंग के दूरस्थ शिक्षा निदेशक बीके डॉ. पांड्यामणि भाई, मणिपुर इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलपति, पीआरओ बीके कोमल भाई, बीके सुरेश भाई, डॉ. जमीला बहन, जल विभाग के शंभू भाई, बीके आनंद भाई, बीके पवित्र भाई सहित अन्य भाई-बहन मौजूद रहे।
पौधों के संरक्षण के लिए जाली भी लगाई-
सबसे खास बात पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान सड़क को दोनों ओर लगाए जाने वाले पौधों की सुरक्षा के लिए लोहे की जाली लगाई जाएगी। ताकि मवेशियों से उनकी रक्षा हो सके।