गुडबाय एड्स कार्यक्रम मे डॉ. परब के उद्गार
शिव आमंत्रण, इस्लामपुर। पवित्रता शांति और खुशी की जननी है। वर्तमान में इस धरती के लिए पवित्रता समय की मांग है। जब हम अपनी पवित्रता की वास्तविक प्रकृति का एहसास करते हैं, तो
शांति और खुशी के लिए लोग, स्थान और चीजों पर हमारी अधीनता अपने आप खतम् हो जाती है। पवित्रता सुरक्षा कवच के रूप में हमारी रक्षा करती है। पवित्रता के साथ सच्ची स्वतंत्रता भी आती है। पवित्रता के सागर, सर्वशक्तिमान भगवान शिव से जुड़कर हम सब मनुष्य आत्माये जीवन में पवित्रता का स्वागत करें और अपने जीवन को स्वस्थ, धनवान और खुशहाल बनाएं। यह विचार मुंबई से मेडिकल प्रभाग के कार्यकारी सदस्य डॉ. सचिन परब ने मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये। महाराष्ट्र के इस्लामपुर में ‘वल्र्ड एड्स अवेअरनेस डेÓ कायक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम आनलाईन था जिसमें चर्चा का विषय ‘वेल्कम प्योरिटी-गुडबाय एड्सÓ था। डॉ. सचिन परब ने आगे कहा, लोग जादा तर आसन और प्राणायम ही करते है। वह आठ गोली में
से दो गोली लेने के बराबर है। अगर आप प्रैक्टिस करते हो, अष्टांग ले लो तो उसमे भी यम और नियम आते है। यम और नियम स्टडी करोगे तो उसमे सब आ जाता है। आप कोई भी पैथी ले लो, आयुर्वेद ले लो, अलोपैथी ले लो, योगशास्त्र ले लो सभी प्युरिटी के ऊपर जोर दे रहे है। यम – नियम में अस्थेय, स्वाध्याय, ईश्वर प्राणिधान, संतोष क्या क्या बताया है? अंतत: प्युरिटी ही समाधान है। यही पे हमे समझना चाहिए, मॉडर्न मेडिसीन को, सायकॉलॉजिस्ट को, या इन्स्टिट्यूटस को यह समझना चाहिएकि हमारा मूल स्वभाव पवित्र है।